Monday, November 6, 2023

Dhanteras 2023: 10 नवंबर को है धनतेरस, जानें इस दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त, इस समय पूजा करने से होगी धन की वर्षा

Dhanatrayodashi 2023: धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को है. मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था. इस दिन घर में कुछ खास चीजें लाना बहुत शुभ माना जाता है. जानते हैं इन चीजों के बारे में.

पंच-पर्व दीपावली का पहला पर्व धनतेरस इस बार पराक्रम योग के साथ शुक्रवार, 10 नवम्बर को मनाया जाएगा. इस दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा. जिस कारण से शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है. साथ ही विष कुंभ योग भी है. त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 58 तक रहेगी. यदि प्रदोष काल, स्थिर लग्न यानि वृषभ लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में ठहर जाती है.  

Thursday, October 4, 2018

धार्मिक मान्यताएं : नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये 5 काम

नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये गलतियां-

नवरात्रि के नौ दिनों तक पूजा अनुष्ठान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माने गए हैं। इस दौरान दिनों तक लोग भक्ति भाव से मां दुर्गा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। लेकिन इस दौरान व्रत करने वालों के लिए कुछ नियम भी होते हैं। कुछ काम ऐेसे होते हैं जो व्रतधारियों को नवरात्रि के दौरान नहीं करना चाहिए।

Navratri 2018: शारदीय नवरात्रि में राशि के अनुसार दुर्गा शप्तशती अध्याय का करें पाठ


Navratri 2018: शारदीय नवरात्रि का आरंभ 10 अक्टूबर 2018 से हो रहा है. नवरात्रि 2018 में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में इन नौ दिनों का खास महत्व होता है. इस बार नवरात्र पूरे नौ पड़े रहे हैं और महानवमी 18 अक्टूबर की है. नौ दिन व्रत के बाद विजयादशमी यानी दशहरा का त्योहार होता है. घटस्थापना की बात करें तो पहले नवरात्रि के दिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक का शुभ मुहूर्त है. इन दो घंटों के बीच घट स्थापना करें. साथ ही नौ दिन अपनी राशि के अनुसार दुर्गा शप्तशती का पाठ अवश्य करें.

Monday, September 24, 2018

नवरात्रि तारीख, समय और महत्व, किस दिन होगी कौन सी देवी स्वरूप की पूजा, जानिये

हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्रि शुरू होती है. नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा इस दौरान अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

नवरात्रि के नौ दिन इतने शुभ होते हैं कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए घर से लेकर गाड़ियों तक और घर की इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस से लेकर गहनों तक सबसे ज्यादा इसी दौरान खरीदारी होती है.

Saturday, September 15, 2018

प्रदोष व्रत क्या है ? प्रदोष व्रत विधि क्या है?

प्रत्येक चन्द्र मास की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखने का विधान है. यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों को किया जाता है. सूर्यास्त के बाद के 2 घण्टे 24 मिनट का समय प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है. प्रदेशों के अनुसार यह बदलता रहता है. सामान्यत: सूर्यास्त से लेकर रात्रि आरम्भ तक के मध्य की अवधि को प्रदोष काल में लिया जा सकता है.

ऎसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृ्त्य करते है. जिन जनों को भगवान श्री भोलेनाथ पर अटूट श्रद्धा विश्वास हो, उन जनों को त्रयोदशी तिथि में पडने वाले प्रदोष व्रत का नियम पूर्वक पालन कर उपवास करना चाहिए.

2018 का पूरा कैलेंडर, जानें कब पड़ेगा कौन सा व्रत एवं त्‍योहार

जनवरी 2018    त्यौहार
2 मंगलवार    पौष पूर्णिमा व्रत
5 शुक्रवार    संकष्टी चतुर्थी
12 शुक्रवार    षटतिला एकादशी
14 रविवार    मकर संक्रांति , पोंगल , उत्तरायण , प्रदोष व्रत (कृष्ण)
15 सोमवार    मासिक शिवरात्रि
16 मंगलवार    पौष अमावस्या
22 सोमवार    सरस्वती पूजा , बसंत पंचमी
28 रविवार    जया एकादशी
29 सोमवार    प्रदोष व्रत (शुक्ल)
31 बुधवार    माघ पूर्णिमा व्रत

Monday, September 3, 2018

जाहरवीर गोगाजी महाराज की कथा एवं इतिहास

गोगाजी महाराज (सिद्धनाथ वीर गोगादेव)  राजस्थान के लोकप्रिय देवता हैं। उन्हें जाहरवीर गोगाजी के नाम से भी जाना जाता है । राजस्थान में हनुमानगढ़ जिले का गोगामेड़ी शहर है यहां भादव शुक्लपक्ष की नवमी को गोगाजी का मेला लगता है। इन्हे सभी धर्मों के लोग पूजते है । वीर गोगाजी गुरुगोरखनाथ के परम शिष्य  थे। चौहान वीर गोगाजी का जन्म चुरू जिले के ददरेवा गाँव में विक्रम संवत 1003 में हुआ था, सिद्ध वीर गोगादेव का जन्मस्थान, जो दत्तखेड़ा ददरेवा राजस्थान के चुरू जिले में स्थित है। जहाँ पर सभी धर्मों के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं।  मुस्लिम समाज के लोग जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं तथा उक्त स्थान पर मन्नत माँगने और मत्था टेकने आते हैं।  यह स्थान हिंदू और मुस्लिम एकता का प्रतीक है। devotional jaharveer googaji history

Dhanteras 2023: 10 नवंबर को है धनतेरस, जानें इस दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त, इस समय पूजा करने से होगी धन की वर्षा

Dhanatrayodashi 2023: धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को है. मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था. इस दिन घर में कुछ खास चीजें ल...